नाकामी के भय से कई बार हम आप फिर से सफलता की सीढ़ियां चढ़ अपनी क्षमताओं को आजमाने के सकते हैं।

नाकामी के भय से कई बार हम आप फिर से सफलता की सीढ़ियां चढ़ अपनी क्षमताओं को आजमाने के सकते हैं। छोटी-बड़ी किसी भी नाकामी के बजाय उन पर अंकुश लगा देते हैं। लिए खुद को कोसना बंद करें। जो आप इस कारण हम बिना प्रयास किए ही बार-बार सोचते हैं, वे चीजें आपके विफल साबित हो जाते हैं। पर देर व्यवहार में समाहित हो जाती हैं। कभी नहीं होती, सफलता अभी भी नाकामियों की सोच को अपनी बातों और इंतजार कर रही है। नाकामी कोई पसंद लेखनी के जरिये मजबती न दें। यह सोचें नहीं करता। यहां तक कि कुछ लोग कि आप कुछ परिस्थितियों में हारे हैं, पूरा उन रास्तों पर चलना ही पसंद नहीं जीवन नहीं हारे। खुद को एक ऐसी सुरंग करते, जहां जरा भी नाकामी का अंदेशा में फंसा महसूस करते हैं तो सुरंग के होता है। पर यही वह डर है, जिसका किनारे खोजने की कोशिश करें, जहां से सामना करना नई संभावनाओं तक ले जाता है। मैं जिंदगी में कई आशा की किरण दिखाई देती हो। कदम अपने आप सफलता की बार नाकाम हुई हूं। मेरी नाकामी कभी छोटी रही, कभी बड़ी। छोटी तरफ बढ़ते चले जाएंगे।जब हम नाकाम होते हैं तो खुद को उस नाकामी हाथ लगी, जैसे मैंने विदेशी भाषा सीखने का प्रयास चंद स्थिति से निकालने के लिए उससे दूर भागते हैं। ठीक भी है, दर्द को हफ्तों में छोड़ दिया तो कभी मेरी शादी टूटने जैसा बड़ा झटका मुझे कौन झेल सकता है। लेकिन हमें उस जगह पर रहकर उन स्थितियों भीतर तक तोड़ गया। इसका कोई इलाज नहीं है, असफलता हमेशा को सुधारना चाहिए। गिर गए हैं तो अपने कपड़े झाड़ने चाहिए, गलती दर्द देती है। यह दर्द कभी हल्का होता है, तो कभी दिल को चीरने की है तो माफी मांग लेनी चाहिए। कोई काम बिगड़ गया है तो उसे के समान। कुछ भी हो, इनका अनुभव याद रहता है जिंदगी भर। हम सही करने की कोशिश भी करनी चाहिए। अपनी क्षमता, जिजीविषा, पिछली सफलताओं और सुखद अनुभवों काम करते रहें, व्यस्त रहें-यकीन माने, आपकी सफलता को भुलाकर खुद को एक बिना पंख के परिंदे की तरह महसूस करने दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकती है। अपनी सफलता की यात्रा में लगते हैं। सच यह है कि नाकामयाबियों की लंबी फेहरिस्त बन जाने लोगों को शामिल करें। उनसे अपनी नाकामियों की कहानियां जरूर के बाद भी यह तय नहीं होता कि अगली बार आप फिर से नाकाम बांटें। फिर से शुरुआत करें। अनुभवी लोगों की मदद लें। नाकामयाब ही होंगे। नई शुरुआत और दूसरे मौके की गुंजाइश हमेशा रहती है। होने के बाद अपना मुंह छुपा लेना, गुमनामी की चादर ओढ़ लेना, अपने नजरिये में बदलाव लाकर नई ऊर्जा के साथ कोशिश करके लोगों से भागना, कतराना, नजरें चुराना कुछ ऐसे कदम हैंयात्रियों की लंबी फेहारमहसूस करने दूसरों कमलकरते रहें, व्यस्त रहच्याहिए ।