जयपुर पशुपालन विभाग की यह है चिकित्सालय की पर्ची मैं लिखे गए डॉक्टर द्वारा मेडिकल इंजेक्शन क्या अस्पताल से मिलते हैं या बाहर सामने दुकानदार मेडिकल स्टोर से लाने पड़ते हैं जबकि पशुपालन विभाग द्वारा निशुल्क योजना लिख रखी है बताया जाता है कि पशु चिकित्सालय में अस्पताल की पर्ची पर लिखी गई दवाइयां इंजेक्शन बाहर स्थित मेडिकल स्टोरों से खरीद कर ही लाना पड़ता है अस्पतालों में पशुओं के लिए कोई भी सुविधा है नहीं तथा ना ही दवाइयां मिलती है जानकारी मिली है कि पशु चिकित्सकों की मेडिकल स्टोरों से कमीशन सेट होने की वजह से यह वही दवाइयां लिखते हैं जो पशु चिकित्सालय के बाहर स्थित मेडिकल स्टोर पर मिल जाती है बताया जाता है कि जानवरों को दी जाने वाली कई इंजेक्शन डुप्लीकेट भी आ रहे हैं जिसका किसी को भी मालूम नहीं होता है जानकारी करने पर भी कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं है सूत्रों ने बताया कि पक्षी पर लिखी गई दवाइयां जो सारी नकली है जिसका खुलासा जनतंत्र की आवाज में चैनल के न्यूज़ पेपर में किया जा रहा है अगर इसके बावजूद भी पशुपालन विभाग नहीं चेता तो कहि पशु काल के ग्रास में जाने को मजबूर हो जाएंगे इस पर सिर्फ आरोप भी लग सकते हैं लेकिन कार्य पालना नहीं हो पाएगी
जयपुर की पशु चिकित्सालय में पक्षियों पर लिखी दवाइयां नहीं मिलती है भारत मेडिकल से मिलती है वह भी नकली